हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "उसुल अल-काफ़ी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق عليه السلام:
مَا الْتَقى مُؤْمِنَانِ قَطُّ إِلَا كَانَ أَفْضَلُهُمَا أَشَدَّهُمَا حُبّاً لِأَخِيه
इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:
जब दो मोमिन मिलते हैं, तो उनमें से सबसे अच्छा वह होता है जो अपने भाई से सबसे ज़्यादा प्यार करता है।
उसुल अल-काफ़ी, भाग 3, पेज 330
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